रुपए लेकर किसानों के नाम पर बटे टोकन
रीवा। जिले में किसानों की धान को लेकर हाहाकार मच गया है। आरोप है कि समिति प्रबंधकों एवं खरीदी केन्द्र सहायकों ने टोकन में बड़ा खेल किया। पैसे लेकर किसानों के नाम पर टोकन बिचौलियों को दे दिए गए, जबकि केन्द्रों पर अब भी सैकड़ों की तादात में किसान डटे हैं लेकिन उनकी धान नहीं खरीदी जा रही है। इस बीच भोपाल से कोई दिशा-निर्देश न मिलने के कारण धान उपार्जन की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। त्योंथर, हनुमना, नईगढ़ी समेत दर्जनों केन्द्रों पर धरना प्रदर्शन भी जारी है।
गौर करने वाली बात यह है कि जिले के विभिन्न खरीदी केन्द्रों में अभी भी हजारों क्विंटल धान तौल के लिए रखी हुई है। एक पखवाड़े से किसान धान को लेकर केन्द्रों में डटे हुए हैं। वहीं तिथि समाप्त हो जाने के बाद शासन द्वारा अभी तक ऐसी कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है जिससे केन्द्रों पर डटे किसानों के धान की तौल कराई जा सके।
हालांकि कलेक्टर बसंत कुर्रे द्वारा प्रपोजल शासन को भेजा गया है। परंतु अभी तक किसी भी तरह के दिशा निर्देश नहीं आए हैं। माना यह जा रहा है कि अगर शासन से खरीदी की तारीख बढ़ने की कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई तो दस हजार से ज्यादा किसान धान की बिक्री करने से वंचित हो जाएंगे।
भारतीय किसान संघ के बैनर तले धरने पर बैठे प्रदीप
धान की खरीदी में की गई व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी एवं समय सीमा न बढ़ाए जाने को लेकर मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल भी धरने पर बैठे हुए हैं। वे हनुमना में किसानों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को खुश नहीं कर सकते तो गद्दी छोड़ दें। पटवारियों ने साजिशन गिरदावली में गड़बड़ी की है। जिन खेतों में धान की फसल बोई गई थी उसमें दूसरी का नाम लिख दिया था। जिससे किसान औने-पौने दाम में व्यापारियों को अपनी फसल बेच रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक किसानों के साथ न्याय नहीं होगा वह धरने पर बैठे रहेंगे।
जिनका रजिस्टर में नाम नहीं उनके भी काट दिए टोकन
नईगढ़ी में 15 दिन से पड़े किसानों की धान समिति प्रबंधक की तानाशाही के चलते नहीं खरीदी गई। आंदोलित किसानों को उपभोक्ता कांग्रेस जिला अध्यक्ष कुंज बिहारी तिवारी ने समझाकर शांत किया है। उनका कहना है कि जिनके नाम रजिस्टर में दर्ज नहीं थे उनके टोकन काट दिए गए। वास्तविक किसान वंचित हो गए हैं।
किसानों की उम्मीद बना धरना
किसानों की पीड़ा की घड़ी में त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने संघर्ष का ऐलान कर एसडीएम कार्यालय त्योंथर के समक्ष किसानों की मांगों के समर्थन में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए। श्री द्विवेदी ने बीस जनवरी को प्रशासन के आला अधिकारियों से चर्चा कर किसानों की समस्या से अवगत कराया और धान खरीदी का समय बढ़ाने की मांग रखी। परंतु कोई पहल होता न देख अपने समर्थकों किसानों के साथ अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए। श्री द्विवेदी का यह कथन की जब तक सरकार किसानों के खून पसीने से उपार्जित धान खरीदना सुनिश्चित नहीं करती तब तक धरने से नहीं हटूंगा, पीड़ित किसानों को उम्मीद की किरण जैसी लगी है। अब तराई अंचल के किसानों को मजबूत नेतृत्व मिल गया है यह धरना आंदोलन का रूप ले तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा।