किश्त न मिलने से अधूरे पड़े हैं गरीबों के पीएम आवास
रीवा | केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास मिशन बजट की कमी के कारण प्रभावित हो रही है। बीते तीन महीने से हितग्राहियों के खाते में किश्त नहीं पहुंच पाने से दस हजार से ज्यादा आवासों का निर्माण अधर में लटक गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष की बात करें तो 9 हजार से अधिक हितग्राहियों के आवास का निर्माण प्रभावित हुआ है। फंड के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर हितग्राहियों के आवास निर्माण बंद हो गए हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्माणाधीन मकानों के लिए तीन दफा लक्ष्य कम करना पड़ा है।
ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए शासन ने 20 हजार गरीबों के आवास तैयार करने का लक्ष्य रखा था। जिसे अब घटाकर 9 हजार किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष को मिलाकर अब तक चालू वित्तीय वर्ष में 20 प्रतिशत भी आवास पूरे नहीं हो पाए हैं। बजट के अभाव में निर्माणाधीन लगभग दस हजार हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हुए हैं।
अब तक सिर्फ 18 आवास हो सके पूरे
चालू वित्तीय वर्ष में 3231 हितग्राहियों के खाते में राशि जमा की गई। जबकि दूसरी किश्त 7624 और तीसरी किश्त 4699 हितग्राहियों को जारी की गई। हैरत की बात यह है कि अब तक सिर्फ 18 आवास पूरे हुए हैं। बताया गया है कि 1922 आवास पूरे होने के कगार पर हैं। हिसाब लगाया जाए तो डेढ़ सौ करोड़ की योजना अभी अधूरी है।
22 सौ आवास अभी भी अधूरे
वित्तीय वर्ष 2016-17 व 17-18 से पीएम आवास योजना के तहत 25 हजार से ज्यादा का लक्ष्य तय किया गया था। जिसमें से 24 हजार 496 आवास पूरे हो पाए हैं। अभी भी 22सौ आवास अधूरे हैं। वहीं इस वित्तीय वर्ष में 11सौ आवास अधूरे पड़े हुए हैं।
भोपाल से अटकी है तीसरी किश्त
बताया गया है कि 80 फीसदी हितग्राहियों के खाते में दूसरी किश्त जारी नहीं की गई। जबकि पहली किश्त लगभग सभी हितग्राहियों के पास पहुंच गई। तीसरी किश्त जारी न होने से 80 फीसदी भवन का निर्माण रुका हुआ है। वहीं करीब 2 हजार हितग्राहियों के खाते में एक भी किश्त जारी नहीं हो पाई। हनुमना, मऊगंज, त्योंथर, सिरमौर, रीवा, रायपुर कर्चुलियान क्षेत्र के सैकड़ों हितग्राहियों ने जनसुनवाई में भी यह मामला उठाया था।