केदारनाथ यात्री श्रद्धालु रास्ते में फंसे, 4000 को रुद्रप्रयाग से रेस्क्यू किया गया
उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही मची है। टिहरी से लेकर केदारनाथ तक हर जगह तबाही के निशान देखे जा सकते हैं। राज्य के विभिन्न स्थानों पर पिछले दो दिनों में बारिश संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गए, टिहरी के नौताड़ इलाके और केदारनाथ में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।
बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भारी बारिश के बाद भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए। इसके बाद रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। बादल फटने से केदारनाथ यात्रा रूट पर 30 मीटर की सड़क मंदाकिनी नदी में समा गई है। 4 हजार लोगों को किया गया रेस्क्यू भारी बारिश के बाद केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है और बड़ी संख्या में ज्यादा लोग फंसे हैं। रात के समय भी रेस्क्यू अभियान रहा जारी रहा और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ ने मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया। अभी तक हेलिकॉप्टर और पैदल चलाए गए रेस्क्यू अभियान में 4000 से अधिक भक्तों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। आज धाम में फंसे लगभग 1000 लोगों को हेलिकॉप्टर से निकाला जाएगा। पैदल मार्ग पर सुबह से रेस्क्यू अभियान फिर शुरू हो गया है। भीमबली और लिनचोली से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। वहीं मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है। देर रात तक पैदल मार्ग से सोन प्रयाग पहुंचने वाले यात्रियों को सुरक्षित सोन प्रयाग बाजार तक पहुंचाया गया।