कलेक्ट्रेट में 26 महीनों से पर्किंग के नाम पर अवैध वसूली

सतना | कलेक्ट्रेट में पर्किंग के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। अवैध वसूली का यह खेल पिछले 26 महीनों से चल रहा है। हद तो यह है कि जिले भर के फर्जीवाड़े का निपटारा करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के ठीक नाक के नीचे ही यह सारा खेल चल रहा है। जिस संस्था के द्वारा पर्किंग के किराए की वसूली की जा रही है उसका टेण्डर दिसम्बर 2018 में समाप्त हो चुका है। दरअसल अध्यक्ष कर्मचारी उपभोक्ता भण्डार को 31 दिसम्बर 2018 तक कलेक्ट्रेट में पर्किंग का किराया वसूली का ठेका दिया गया था।

इसके बाद पर्किंग की वसूली के लिए कोई टेंडर नहीं कराया गया ,बावजूद इसके कलेक्ट्रेट में अनवरत पार्किंग वसूली जारी है। कलेक्ट्रट में अवैध रूप से पार्किंग की वसूली चल रही है इस बात का खुलासा संयुक्त कलेक्टर द्वारा नजारत शाखा के प्रभारी को लिखे पत्र के बाद हुआ। पत्र में संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग व्यवस्था के लिए नए सिरे से निविदा आमंत्रित करने को कहा गया है। बताया जाता है कि अध्यक्ष कर्मचारी उपभोक्ता भण्डार समिति ने पूर्व में एक आवेदन देकर उसका ठेका आगे बढ़ाए जाने का आवेदन दिया था। इस पर अधिकारियों ने कोई फैसला नहीं लिया । इधर समिति की शह पर अवैध वसूली का खेल शुरू हो गया जो अनावरत जारी है। 

सामान्य के लिए 4 पहिया वाहन का मासिक किराया 250 रूपए
कलेक्ट्रेट स्थित पर्किंग की वसूली की बात करें तो इसके लिए अलग- अलग लोगों के लिए अलग - अलग दरें भी हैं। अधिवक्ता, रजिस्ट्री लेखक,स्टाम्प वेंडर जो कलेक्ट्रेट परिसर में रह कर काम करते हैं उनसे प्रतिदिन साइकल का 1 रूपए,मोटर साइकल का दो रूपए और चार पहिया वाहनों का तीन रूपए किराया लिए जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार मासिक किराए के रूप में साइकल का 20 रूपए, मोटर साइकल का 60 रूपए और चार पहिया वाहन का 100 रूपए किराया निर्धारित किया गया है। इतना ही नहीं कलेक्ट्रट व्यक्तिगत कार्य से आने वाले लोगों से साइकल का किराया 2 रूपए, मोटर साइकल 5 रूपए और चार पहिया वाहन के लिए 10 रूपए रोजाना तथा इन्ही सबका मासिक किराया क्रमश: 50,135 और 250 रूपए है। 

35 फीसदी हिस्सा कलेक्ट्रेट संचालन समिति को 
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन की पार्किंग व्यवस्था के लिए तहसीलदार रघुराजनगर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। पर्किंग से जितनी भी आय होगी उस आय का 35 फीसदी हिस्सा कलेक्ट्रट संचालन समिति को देना होगा। अब सवाल यह है कि जब पिछले 26 महीने से कलेक्ट्रेट में बगैर टेण्डर के अवैध वसूली चल रही है तो यह हिस्सा क्या  कलेक्ट्रट संचालन समिति को गया होगा? सवाल यह भी है कि आखिर किसकी शह पर पिछले 26 महीनों से अवैध रूप से पर्किंग की वसूली चल रही है। 

कर्मचारियों से मासिक किराया
कलेक्ट्रेट में कार्यरत अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए टोकन की व्यवस्था की गई है। इन कर्मचारियों में महीने में वसूली होगी इसके लिए निर्धारित दरों में  साइकल-10 रूपए ,मोटर साइकिल- 50 एवं चार पहिया वाहन से100 रूपए मासिक किराया लिया जाएगा। 

लिपिक संघ के अध्यक्ष करा रहे वसूली 
कलेक्ट्रेट में चल रही अवैध पार्किंग वसूली के पीछे कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। बताया जाता है कि पार्किंग वसूली का कार्य लिपिक संघ के अध्यक्ष बाल्मीक शुक्ला के इशारे पर चल रहा है। बाल्मीक शुक्ला रघुराजनगर तहसील में सहायक गे्रड -2 के पद पर पदस्थ हैं, शायद यही वजह है कि पिछले दो वर्षों से बगैर टेंडर के चल रही पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली को रोकने का प्रयास किसी ने नहीं किया। यह लिपिक संघ का दबाव था या कुछ और जो भी हो लेकिन 2018 दिसम्बर में टेंडर समाप्त होने के बावजूद लगातार तमाम प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे सरेआम पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली का खेल जारी रहना कहीं न कहीं कुछ दाल में काले की ओर इंगित करता है। 

कलेक्ट्रेट की पार्किंग का ठेका अभी नहीं हुआ है। टेण्डर की प्रक्रिया चल रही है। पूर्व में जिस संस्था के पास टेण्डर था उसने टेण्डर आगे बढ़ाने का आवेदन दे रखा है। 
बी के मिश्रा, तहसीलदार रघुराजनगर