संभागायुक्त ने दिए निर्देश, अस्पतालों में ऑक्सीजन का अपव्यय रोका जाए
भोपाल | इंदौर संभाग में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मामलों को दृष्टिगत रखते हुये संभाग के सभी जिलों के अस्पतालों में कोरोना उपचार में उपयोग हो रहे आॅक्सीजन का उचित सप्लाई प्रबंधन किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। उक्त परिस्थिति के परिपेक्ष्य में संभागायुक्ता डॉ. पवन शर्मा द्वारा संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, सीएमएचओ, सिविल सर्जन और एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर एवं मेडिकल कॉलेज खण्डवा के अधिष्ठाता को अस्पतालों में आॅक्सीजन का अपव्यय रोकने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये है। जिलों के प्रत्येक हॉस्पिटल के आॅक्सीजन पाईप लाईन का कहीं कोई लीकेज तो नहीं हो रहा है या क्षतिग्रस्त तो नहीं हो रही है, इसके संबंध में लोक निर्माण विभाग, विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के माध्यम से जांच, निरीक्षण सुनिश्चित कराया जाए।
'नो लीकेज' के प्रमाण पत्र प्राप्त किए जाएं
निरीक्षण उपरांत "नो लीकेज/नो वेस्टेज" संबंधी प्रमाण-पत्र सभी चिकित्सालयों से प्राप्त किया जाए। प्रति 3 दिवस में सतत रूप से आॅक्सीजन लॉइन का भौतिक सत्यापन किया जाकर जिलेवार ओके रिपोर्ट संभागायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। इसी तरह हॉस्पिटल में जिन मरीजों को आॅक्सीजन दी जा रही है, वे शौच आदि के लिये जब जाते है अथवा मोबाइल पर बात करते हैं तब भी आॅक्सीजन की सतत् सप्लाई जारी रहती है, जिससे आॅक्सीजन वेस्टेज होती है। कई बार डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन से अधिक आॅक्सीजन मरीज को दी जा रही होती है।