रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव जबलपुर में शामिल होंगे 15 सौ निवेशक
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय औद्योगिकीकरण पर सरकार का है जोर
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि सरकार का जोर क्षेत्रीय औद्योगिकीकरण पर है। लिहाजा राज्य में ’रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव’ आयोजित की जा रही है। 20 जुलाई को जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव होने वाला है, जिसमें पंद्रह सौ निवेशकों के सम्मिलित होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने आज सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अब तक औद्योगिक कॉन्क्लेव इंदौर में आयोजित किए जाते रहे हैं, अब रीजनल कॉन्क्लेव पर जोर दिया जा रहा है। उज्जैन में रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित की गई थी, अब अगली कॉन्क्लेव 20 जुलाई को जबलपुर में आयोजित हो रही है। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भी भागीदारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जबलपुर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में पंद्रह सौ निवेशकों की भागीदारी प्रस्तावित है। आयोजन के तहत बायर-सेलर मीट भी आयोजित की जा रही है, जिसमें लगभग एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी संभावित है। इसमें ताइवान और मलेशिया के भी प्रतिनिधिमंडल सम्मिलित होने वाले हैं, जिनके द्वारा एग्रो एवं डिफेंस सेक्टर में निवेश संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जबलपुर की कॉन्क्लेव में प्रदेश में स्थापित या स्थापनाधीन लगभग 70 परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए जाएंगे। इन परियोजनाओं में लगभग 1,222 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है और लगभग 3,444 रोजगार सृजित होंगे। फरवरी 2025 में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होगी, जिसकी थीम ’मध्य प्रदेश द फ्यूचर रेडी स्टेट’ होगी। पिछले दिनों मुंबई प्रवास का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगपति और निवेशकों के साथ राउंड टेबल बैठक हुई थी। इसमें आठ वैश्विक संस्थागत निवेशकों से चर्चा हुई।
अंबानी बांधवगढ़, उमरिया में निवेश के इच्छुक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए अनिल अंबानी खुद आगे आए हैं। बांधवगढ़, उमरिया में इच्छुक हैं। यहां अच्छा वातावरण बना है। 35 प्रस्ताव आ चुके हैं। रोजगार को लेकर बात हुई है। जबलपुर में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव होने जा रही है। इसमे केवल जबलपुर नहीं, सभी क्षेत्र तक विस्तार करेंगे। निवेशकों से बात कर रहे हैं। स्टॉर्ट अप के लिए नया कॉन्क्लेव करेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न विदेशी निवेशक भी मध्यप्रदेश में संभावनाएं तलाश रहे हैं। हमने ताइवान, मलेशिया आदि के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक कर उन्हें प्रदेश में निवेश की संभावनाओं से अवगत कराने के साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया है।