456 परिवारों के चेहरों में पुलिस ने लाई खुशियां
सतना | गुमशुदा नाबालिग बालक- बालिकाओं की तलाश के लिए वर्ष 2020 में जिला पुलिस ने 456 नाबालिगों की घर वापसी कराई जिनमें से 245 इसी साल घर से गायब हुए थे जबकि अन्य नाबालिग कई सालों से लापता चल रहे थे। नाबालिगों को तलाशने के लिए जिला पुलिस देश के अलग-अलग कोने में गई।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 मेंं जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र से 18 वर्ष से कम आयु के 313 नाबालिग घर से लापता हुए। परिजनो की शिकायत पर अपहरण की धारा 363 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इनमेंं 225 नाबालिग बालिकाएं और 88 नाबालिग बच्चे हैं। पुलिस ने बताया कि साल भर चलाए गए अभियान के दौरान देश के अलग-अलग कोनों में कई पुलिस टीमें गर्इं, साइबर सेल की भी मदद ली गई।
साल भर तक चले अभियान के दौरान जिला पुलिस के द्वारा 225 नाबालिग बालिकाओं में से 173 बालिकाओं को और 88 बालकों में से 72 बालकों को ढूढ़ निकाला गया। नाबालिग बालक- बालिकाओं की तलाशी में पुलिस की कामयाबी 78 प्रतिशत रही। अभी भी 78 नाबालिग बालक-बालिकाएं घर नहीं लौटे है उनकी तलाश के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं। इसके अतिरिक्त पिछले कई सालों से घर से लापता चल रहे 105 बालक और 106 नाबालिग बालिकाओं की घर वापसी कराई गई।
इस तरह से वर्ष 2020 में 456 बालक-बालिकाओं को जिले भर की पुलिस ने तलाशा है जो अभी लापता चल रहे हैं उनकी तलाश के लिए अभियान अभी भी जारी है। लापता नाबालिग बालक- बालिकाओं की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें पुणे, सूरत, मुम्बई, दिल्ली, नागपुर, गोंडा, बनारस के अलावा कई शहरो में भेजी गई।
वर्ष 2020 में 313 नाबालिग बालक-बालिकाएं लापता हुए, जिनमें से 173 नाबालिग बालिकओं और 72 बालकों को तलाशा गया है। कई सालों से लापता चल रहे 106 बालक और 106 बालिकाओं को भी पुलिस ने खोजा है। जो नाबालिग बालक-बालिकाएं अभी लापता चल रहे हैं उन्हें खोजने के लिए अभियान जारी है। सभी थाना पुलिस को नाबालिकों को तलाशने का टास्क दिया गया है।
धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक सतना