सनातन संस्कृति को निरंतर कायम रखा हमारे संतों ने

सनातन संस्कृति को निरंतर कायम रखा हमारे संतों ने

मुख्यमंत्री ने जैन आचार्य श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज से लिया आशीर्वाद
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि संतों का आर्शीवाद पूँजी की तरह है। हमारे देश में संतों और धर्माचार्यों का स्थान सर्वोच्च है। सम्पूर्ण समाज संतों से मार्गदर्शन प्राप्त करता है। हमारे संतों ने सनातन संस्कृति को निरंतर कायम रखा है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव आज राजस्थान के झालरापाटन में जैन मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के 52 वें जन्म दिवस और 36 वें चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों का आर्शीवाद पूँजी की तरह है। हमारे देश में संतों और धर्माचार्यों का स्थान सर्वोच्च है। सम्पूर्ण समाज संतों से मार्गदर्शन प्राप्त करता है। हमारे संतों ने सनातन संस्कृति को निरंतर कायम रखा है। किसी मनुष्य ने स्वर्ग नहीं देखा लेकिन संतों का सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त होना जीवन को धन्य करने और स्वर्गिक आनंद की अनुभूमि प्राप्त करने जैसा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि काल के प्रवाह में यूनान,रोम और कई देशों का अस्तित्व और सभ्यता खत्म हो गई क्योंकि उन देशों में संत परंपरा नहीं थी।
मेरी जन्म वर्षगांठ पर निरंतर तीन वर्ष आकर हैट्रिक बनाई
जैन मुनि प्रज्ञा सागर जी महाराज ने कहा कि मध्यप्रदेश की उन्नति के लिए समर्पित और ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. यादव ने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद भी दिया। आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मेरे 50 वें और 51 वें जन्म दिवस पर उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में पधारे थे। आज वे मुख्यमंत्री के रूप में आए हैं। निश्चित ही उनका यह भाव प्रभावित करता है। उन्होंने मेरी जन्म वर्षगांठ के अवसर पर निरंतर तीन वर्ष आकर हैट्रिक बनाई है। इस चातुर्मास कार्यक्रम और महोत्सव को उन्होंने बहुमुखी बना दिया है।