कॉलेजों में पढ़ाई जाएगी संघ से जुड़े लोगों की किताबें
कांग्रेस ने किया विरोध, भाजपा ने समर्थन
भोपाल। प्रदेश के कॉलेजों में अब संघ से जुड़े पदाधिकारियों, नेताओं की किताबें पढ़ाई जाएंगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने बकायदा आदेश भी जारी किए हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा को इसे लेकर घेरा है, वहीं भाजपा ने तर्क दिया कि कांग्रेस का काम विरोध करना है। अगर किताब विद्यार्थी के बौद्धिक ज्ञान को बढ़ाती है तो हर विद्यार्थी को उसका अध्ययन करना चाहिए।
प्रदेश के कॉलेजों में अब आरएसएस नेताओं द्वारा लिखी किताबें पढ़ाने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने आरएसएस नेताओं द्वारा लिखी किताबें पढ़ाने को लेकर कहा कि भारतीय ज्ञान प्रकोष्ठ को क्या भाजपा अब अज्ञान प्रकोष्ठ बनानी चाहती है। क्या अब मध्यप्रदेश के कॉलेजों में नफरत का पाठ पढ़ाया जाएगा? पढ़ना ही है तो वैज्ञानिको द्वारा लिखी किताबें पढ़ाते। ये पूरी तरह से गलत है। हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि, जो भी किताबें छात्रों का ज्ञान बढ़ाएं उनका बौद्धिक विकास करें वही किताबें पढ़ाई जा रही है। इसमें कोई गलत बात नहीं है। कांग्रेस का तो काम ही सिर्फ और सिर्फ विरोध करना है। ष्शर्मा ने कहा कि, नफरत का पाठ तो कांग्रेस के राज में पढ़ाया गया है। वामपंथी विचारधारा और आक्रमणकारियों के बारे में पढ़ाया गया है। कांग्रेस को तो कुछ कहने का अधिकार ही नहीं है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अब कॉलेज के विद्यार्थी संघ नेताओं द्वारा लिखी किताबें पढ़ेंगे। इसमें संघ के सह सरकार्यवाहक रहे सुरेश सोनी की तीन किताबें भी शामिल की गई है। इसके अलावा डॉक्टर अतुल कोठारी, दीनानाथ बत्रा, देवेन्द्र राव देशमुख सहित कई संघ नेताओं द्वारा लिखी किताबें शामिल की गई है। सूची में कुल 88 किताबें शामिल की गई है।